शिवाजी महाराज का किला बना UNESCO हेरिटेज साइट, लेकिन राज ठाकरे ने फडणवीस सरकार को दी यह सलाह

Raj Thackeray: छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है. राज ठाकरे ने इसे गर्व का क्षण बताते हुए राज्य सरकार को संरक्षण की जिम्मेदारी निभाने की सलाह दी.
छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 ऐतिहासिक किलों को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया है. यह महाराष्ट्र के लिए गर्व का विषय है. इनमें से 11 किले महाराष्ट्र में स्थित हैं और एक किला, जिन्जी किला, तमिलनाडु में स्थित है.
इस घोषणा के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी खुशी जाहिर की और राज्य सरकार को आवश्यक कदम उठाने की भी सलाह दी.
इन विश्व धरोहर का संरक्षण और रखरखाव हो- राज ठाकरे
राज ठाकरे ने लिखा कि यह गर्व की बात है कि अब दुनिया को यह दिखाया जा सकता है कि छत्रपति शिवाजी महाराज का स्वराज्य का विचार कितना दूर तक फैला और दो अलग-अलग भाषाओं और संस्कृतियों के बीच का संबंध कितना पुराना और मजबूत रहा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि अब जब UNESCO ने इन किलों को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है, तो इनका सही तरह से संरक्षण और रखरखाव होगा, क्योंकि इस दर्जे के साथ सख्त मानदंड भी आते हैं जिन्हें पालन करना अनिवार्य होता है.
विपक्ष पर इन धरोहरों की हालत जर्जर होने का लगाया आरोप
उन्होंने राज्य सरकार से अपील की कि वह इन किलों के संरक्षण के लिए मिलने वाले अंतरराष्ट्रीय फंड के अलावा खुद भी अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराए. उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि अब तक सभी सरकारों ने इन ऐतिहासिक धरोहरों की उपेक्षा की है, जिससे इनकी हालत जर्जर हो गई और विदेशी पर्यटकों को इनकी भव्यता दिखाने का अवसर नहीं मिल सका. राज ठाकरे ने कहा कि यदि महाराष्ट्र के किलों और समुद्री किनारों को सहेजकर पर्यटन के लिए उचित ढांचा खड़ा किया जाए तो राज्य की अर्थव्यवस्था में अभूतपूर्व उछाल आ सकता है.
अपनी पोस्ट के अंत में उन्होंने चेताया कि विश्व धरोहर का दर्जा मिलने का यह मतलब नहीं कि उसे स्थायी रूप से सुरक्षित मान लिया जाए. अगर आवश्यक मानकों का पालन नहीं हुआ तो यह दर्जा वापस भी लिया जा सकता है. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि ओमान के ‘अरबियन ओरिक्स सैंक्चुअरी’ और जर्मनी की ‘ड्रेस्डेन वैली’ से यह दर्जा वापस लिया जा चुका है.
उन्होंने कहा कि सरकार को सिर्फ जश्न नहीं मनाना चाहिए, बल्कि अब एक बड़ी जिम्मेदारी भी उठानी चाहिए. सबसे पहले सभी अवैध निर्माणों को तुरंत हटाया जाना चाहिए, चाहे अतिक्रमण करने वाला कोई भी हो. अंत में उन्होंने मराठी जनता को बधाई दी और शिवाजी महाराज की गौरवगाथा को विश्व स्तर पर मान्यता मिलने पर संतोष जताया.