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Rajasthan News: राजस्थान में बैन हो गईं 11वीं और12वीं क्लास की इतिहास की किताबें, ऐसा क्या हुआ?

Rajasthan News: राजस्थान में 11वीं और 12वीं क्लास की किताब में कांग्रेस नेताओं को प्रमुखता दी गई. BJP नेताओं की अनदेखी पर विवाद हुआ. सरकार ने किताब पर बैन लगा दिया. कांग्रेस ने इसका विरोध किया.

राजस्थान में एक किताब पर ऐसा सियासी कोहराम मचा कि सूबे की सरकार ने उसे तुरंत बैन कर दिया. यह किताब राजस्थान के सरकारी स्कूलों में 11वीं और 12वीं क्लास में पढ़ने वाले तकरीबन साढ़े चार लाख स्टूडेंट को पढ़ाई जा रही थी.

आरोप यह लगा कि इतिहास विषय की पुस्तक ‘आजादी के बाद का स्वर्णिम भारत’ में सिर्फ कांग्रेस से जुड़े हुए राजनेताओं का ही महिमामंडन किया गया है और बीजेपी के नेताओं की अनदेखी की गई है.

स्टूडेंट के भविष्य के साथ खिलवाड़ – कांग्रेस

कांग्रेस पार्टी का कहना है कि देश की आजादी से लेकर मौजूदा समय तक जब बीजेपी और उसके सहयोगी संगठनों से जुड़े लोगों का कोई योगदान ही नहीं रहा, उसे किताब में कैसे जगह दी जा सकती है.

कांग्रेस का यह भी आरोप है कि शिक्षा मंत्री ने सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए किताबों पर पाबंदी लगाकर स्टूडेंट के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का काम किया है.

साढ़े चार लाख स्टूडेंट आर्ट विषयों के साथ पढ़ाई करते हैं

राजस्थान में शिक्षा परिषद से संचालित सरकारी स्कूलों में कक्षा 11 और 12 में तकरीबन साढ़े चार लाख स्टूडेंट आर्ट विषयों के साथ पढ़ाई करते हैं. इतिहास विषय में इन दोनों ही क्लास में “आजादी के बाद का स्वर्णिम भारत” शीर्षक से किताब पढ़ाई जाती है.

11वीं क्लास में इसका पार्ट 1 पढ़ाया जाता है, जबकि 12वीं क्लास में पार्ट 2. अशोक गहलोत की अगुवाई वाली कांग्रेस की पिछली सरकार के राज में ही यह किताबें स्टूडेंट को पढ़ाई जा रही थीं. इस बीच आज यह जानकारी सामने आई कि इस किताब में सिर्फ कांग्रेस के नेताओं का ही महिमामंडन किया गया है.

किताब में नेहरू-गांधी परिवार को प्रमुखता से जगह दी गई

इस किताब में नेहरू-गांधी परिवार को ही प्रमुखता से जगह दी गई है. उनकी ही जमकर तारीफ की गई है. कांग्रेस के 15 नेताओं की तस्वीरें भी छापी गई हैं. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की तस्वीरें कवर पेज पर भी छापी गई हैं.

यह भी जानकारी सामने आई कि बीजेपी समेत विपक्षी पार्टियों के नेताओं को इस किताब में तकरीबन पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है. पिछले 11 सालों से देश की कमान संभाल रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ज़िक्र मामूली तौर पर किया गया है. बाकी नेताओं को बिल्कुल भी जगह नहीं दी गई है.

सरकार खर्च सहन करने को तैयार है

राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत तक की तस्वीरें छापी गई हैं. जानकारी यह भी आई कि इस किताब में संविधान रचयिता बाबा साहब अंबेडकर, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और पूर्व मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल तक को या तो जगह नहीं दी गई है, या उन्हें दो-चार लाइन में ही सीमित कर दिया गया है.

यह जानकारी सामने आई तो राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर आग-बबूला हो गए. उन्होंने इस किताब पर तत्काल प्रभाव से पाबंदी लगाए जाने का ऐलान कर दिया. उन्होंने कहा कि तकरीबन साढ़े चार लाख किताबों को छापने पर करोड़ों का जो खर्च आया है, सरकार उसे सहन करने को तैयार है.

यह किताब जहर की तरह है – मदन दिलावर

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने दलील पेश करते हुए कहा कि खर्च की परवाह इसलिए नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि अगर हजारों रुपए खर्च कर गलती से जहर खरीद लिया गया है, तो सिर्फ पैसे बचाने के चलते उस जहर को पिया नहीं जा सकता. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह किताब जहर की तरह है.

उनका कहना है कि ऐसे में हम बच्चों को गलत इतिहास नहीं पढ़ा सकते. उन्होंने यह भी बताया कि इस किताब से होने वाली परीक्षा के नंबरों को रिजल्ट में नहीं जोड़ा जाता है. ऐसे में इस किताब को हटाने और बदलने का कोई फर्क भी नहीं पड़ेगा.

कांग्रेस पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया जताई 

इस किताब को बैन किए जाने के फैसले पर कांग्रेस पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है. कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इसे लेकर राजस्थान सरकार पर निशाना साधा है.

TALK WAY NEWS

abdul hakim M.A.(urdu Lit.) Bachelor in journalism LLB diploma in mechnical engineering

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