महाराष्ट्र

दादी से मिली प्रेरणा, मुंबई की युवती ने दिव्यांग बच्चों के साथ मिलकर एयरपोर्ट पर शुरू किया ‘मिट्टी कैफे’

मुंबई, 27 जुलाई : दिव्यांग बच्चों के साथ ‘मिट्टी कैफे’ की शुरुआत

आज के दौर में बढ़ती प्रतिस्पर्धा में सफल होना हर किसी के लिए चुनौती है। इसमें अधिकांश लोग थक हार जाते हैं, लेकिन दिव्यांग व्यक्तियों की समस्याएँ तो और भी अलग होती हैं। उन्हें रोजगार और नौकरी के लिए ज्यादा संघर्ष करना पड़ता है। ऐसे दिव्यांगों को सक्षम बनाने के लिए मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल 2 पर ‘मिट्टी कैफे’ शुरू किया गया है।

यह कैफे 23 विभिन्न प्रकार के दिव्यांग कर्मचारियों द्वारा चलाया जा रहा है। इनमें दृष्टि दोष, ऑटिज़्म, डाउन सिंड्रोम, बहुविकलांगता जैसी शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक चुनौतियों से जूझ रहे लोग शामिल हैं।

संचालक अलीना आलम ने बताया,
“मेरा सपना है कि दुनिया हर व्यक्ति को उसकी योग्यता के आधार पर पहचाने। मेरी दादी स्वयं दिव्यांग थीं। उन्होंने मुझे बड़ा किया। जब मैं उन्हें देखती थी तो हमेशा उनकी क्षमता नजर आती थी। उन्होंने हमें हमेशा मदद की। खाने के माध्यम से हम लोगों को जोड़ सकते हैं, जागरूकता फैला सकते हैं और संवाद स्थापित कर सकते हैं। इसी विचार से ‘मिट्टी कैफे’ की शुरुआत की गई है। मुंबई एयरपोर्ट जैसा स्थान इससे बेहतर कोई नहीं हो सकता। यहाँ दुनिया भर से लोग आते हैं, इसलिए हमारा संदेश दुनिया तक पहुँचेगा।”

कैफे में मिलने वाली सुविधाएँ
‘मिट्टी कैफे’ में यात्रियों को सैंडविच, पास्ता, समोसा जैसे व्यंजन, साथ ही हॉट और कोल्ड ड्रिंक भी मिलेंगी। इसके अलावा ब्रेल लिपि में छपे मेन्यू कार्ड से ऑर्डर देने की सुविधा है। यात्रियों और कर्मचारियों के बीच संवाद के लिए छोटे बोर्ड उपलब्ध हैं। सांकेतिक भाषा में मेन्यू और प्राथमिक निर्देशों के बोर्ड भी यहाँ लगाए गए हैं।

यह पहल न केवल दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज में समावेशन और जागरूकता फैलाने का भी बेहतरीन प्रयास है।

TALK WAY NEWS

abdul hakim M.A.(urdu Lit.) Bachelor in journalism LLB diploma in mechnical engineering

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