एएसआई संदीप लाठर आत्महत्या मामला : आईपीएस पूरन चंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद परिवार ने पोस्टमार्टम के लिए सहमति दी।

हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरण कुमार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर आत्महत्या करने वाले एएसआई संदीप लाठर के परिवार ने अब पोस्टमार्टम के लिए सहमति दे दी है। परिवार की शिकायत के आधार पर आईपीएस पूरण कुमार की पत्नी, आईएएस अधिकारी अमनीत कुमार, उनके भाई, आम आदमी पार्टी के विधायक अमित मान और आईपीएस के अंगरक्षक सुशील के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद परिवार ने यह निर्णय लिया।
रोहतक के एएसपी शशि शेखर, एसडीएम आशीष कुमार और मुख्यमंत्री के ओएसडी वीरेंद्र सिंह परिवार को पोस्टमार्टम के लिए राजी करने पहुंचे। करीब दो घंटे की बैठक के बाद मृतदेह को पीजीआई रोहतक के शवगृह में भेजा गया। गुरुवार सुबह 8 बजे पोस्टमार्टम किया गया और दोपहर 12 बजे जिंद जिले के जुलाना में अंतिम संस्कार संपन्न हुआ।
बुधवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, कैबिनेट मंत्री कृष्णलाल पंवार और महिपाल धांडा ने लधौत गांव पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की और शोक संवेदना व्यक्त की। इसके अलावा आईएनएलडी नेता सुनेना चौटाला ने भी संदीप लाठर के परिवार से भेंट की। शाम को पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और आईएनएलडी प्रमुख अभय चौटाला भी परिवार से मिलने पहुंचे।
मंगलवार दोपहर लगभग 1 बजे धामड़ रोड स्थित अपने मामा के खेत में बने कमरे की छत पर एएसआई संदीप लाठर ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या से पहले उन्होंने एक वीडियो रिकॉर्ड किया और चार पन्नों की सुसाइड नोट छोड़ी, जिसमें आईपीएस अधिकारी वाई. पूरण कुमार पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे।
संदीप लाठर का पार्थिव शरीर रोहतक के लधौत गांव में रखा गया, जहां रिश्तेदारों और परिचितों का तांता लगा रहा।
संदीप आत्महत्या प्रकरण पर नेताओं की प्रतिक्रियाएँ —
भूपिंदर सिंह हुड्डा:
उन्होंने कहा, “हरियाणा में हुई यह घटना अत्यंत दुखद है। मैंने पीड़ित परिवार से बात की है और निष्पक्ष, गहन जांच की मांग करता हूँ। सत्य सामने लाने के लिए इस मामले की जांच उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से कराई जानी चाहिए।”
अभय चौटाला:
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। हरियाणा की स्थिति भयावह हो चुकी है। पहले एडीजीपी और अब एएसआई ने आत्महत्या की है। संदीप के वीडियो के आधार पर एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए और जांच सीबीआई या उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से कराई जाए। जब मुख्यमंत्री स्वयं स्वीकार करते हैं कि वे एक सिपाही का तबादला भी नहीं कर सकते, तो उन्हें पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं।”
संदीप के चचेरे भाई संजय:
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हमें उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। हमने न्यायिक जांच की मांग की है। सुसाइड नोट में जिनके नाम हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। इसके बाद ही परिवार ने पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार के लिए सहमति दी।”
सुनेना चौटाला:
उन्होंने कहा, “संदीप कुमार की मृत्यु अत्यंत दुखद घटना है। हम परिवार के साथ खड़े हैं और न्याय की मांग करते हैं। सरकार को निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करनी चाहिए। किसी भी तरह की लीपापोती स्वीकार नहीं की जाएगी।”
नवीन जयहिंद:
जयहिंद सेना प्रमुख ने कहा, “यह आत्महत्या नहीं, बल्कि भ्रष्ट और जातिवादी व्यवस्था द्वारा की गई हत्या है। संदीप की सुसाइड नोट में वाई. पूरण कुमार जैसे ही आरोप हैं। उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से जांच कराई जाए। सभी आरोपियों की नार्को जांच होनी चाहिए। संदीप ने महिला कर्मियों के शोषण का भी उल्लेख किया था, इसलिए यह मामला गंभीर है। यह राजनीतिक और जातिवादी शक्तियों द्वारा की गई सुनियोजित हत्या प्रतीत होती है।”