दुनिया

**ट्रम्प वीज़ा युद्ध: ७ देशों से आमंत्रित भारतीय प्रतिभा पर H-1B वीज़ा विवाद**

ट्रम्प ने H-1B वीज़ा में बदलाव संबंधी आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद इसे मीडिया के समक्ष प्रस्तुत किया।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के वीज़ा-संबंधी कदम ने भारतीय आईटी पेशेवरों और छात्रों की उम्मीदों पर झटका लगाया है। इस बीच, विश्व के सात प्रमुख देशों ने भारतीय प्रतिभा पर अपनी नजरें टिकाई हैं।

इन देशों में आईटी हब यूरोपीय राष्ट्र फ़िनलैंड और विश्व की दूसरी सर्वोच्च रैंक वाली विश्वविद्यालय प्रणाली वाला देश ताइवान प्रमुख हैं। इसके अतिरिक्त पाँच अन्य देश—कनाडा, जर्मनी, यूके, दक्षिण कोरिया और चीन—भी उदार वीज़ा नीतियों के माध्यम से भारतीय आईटी, मेडिकल और अन्य वैज्ञानिक पेशेवरों को अपने देश आने का आमंत्रण दे रहे हैं।

ट्रम्प ने हाल ही में H-1B वीज़ा की वन-टाइम फीस बढ़ाकर लगभग 88 लाख रुपये करने की घोषणा की है। H-1B वीज़ा श्रेणी में प्रत्येक वर्ष 70 प्रतिशत से अधिक भारतीय पेशेवर होते हैं। पहले इसके लिए औसतन 6 लाख रुपये का खर्च आता था और यह तीन वर्ष के लिए वैध होता था। इसे पुनः शुल्क अदा कर तीन वर्ष के लिए नवीनीकृत किया जा सकता था। यदि नए शुल्क 88 लाख रुपये के अनुसार गणना करें, तो अमेरिका में H-1B वीज़ा के लिए छह वर्षों में कुल 5.28 करोड़ रुपये चुकाने होंगे, अर्थात खर्च 50 गुना से अधिक बढ़ जाएगा।

AI शिक्षा और ताइवान विश्वविद्यालयों का आकर्षण
AI एक्सीलेंस और सेमीकंडक्टर पाठ्यक्रमों के तहत ताइवान की 15 से अधिक विश्वविद्यालयों ने इस महीने भारतीय छात्रों को आमंत्रित किया है। इसमें कैंपस चयन, एक्सचेंज प्रोग्राम और संयुक्त अनुसंधान भी शामिल हैं। इनमें से कम से कम पाँच संस्थान विश्व के शीर्ष 350 विश्वविद्यालयों में आते हैं। प्रमुख विश्वविद्यालय हैं—नेशनल सिंगहुआ, कौसिउंग मेडिकल, नेशनल इलान और चाइना मेडिकल यूनिवर्सिटी।

ई-स्पोर्ट्स: फ़िनलैंड से आईटी सहयोग
भारत में फ़िनलैंड के राजदूत किम्मो लाहरदेविरटा ने बताया कि उनका देश ई-स्पोर्ट्स क्षेत्र में सबसे बड़ा गेमिंग निर्यातक है। फ़िनलैंड ने भारत के आईटी क्षेत्र के साथ साझेदारी की है, जिसके तहत साझा गेमिंग क्लस्टर के माध्यम से विश्वस्तरीय गेमिंग टाइटल्स का अन्य देशों को निर्यात किया जाएगा। इसके लिए इंटरएक्टिव एंटरटेनमेंट एंड इनोवेशन काउंसिल के साथ समझौता किया गया है।

वीज़ा शुल्क में छूट और त्वरित प्रवेश
भारतीय प्रतिभा के लिए यूके ने वीज़ा शुल्क माफ करने का प्रस्ताव दिया है। कनाडा ने एक्सप्रेस एंट्री सुविधा की पेशकश की है। दक्षिण कोरिया और चीन ने भी उदार वीज़ा नीतियाँ घोषित की हैं। चीन ने विशेष ‘के’ श्रेणी का वीज़ा भी आईटी पेशेवरों के लिए शुरू किया है।


संबंधित खबर:
अमेरिका H-1B वीज़ा के लिए 88 लाख रुपये वसूलेगा: छह साल का खर्च 50 गुना बढ़ा; भारत ने कहा—इससे कई परिवार प्रभावित होंगे।
अमेरिका अब H-1B वीज़ा के लिए प्रत्येक वर्ष लगभग 1 लाख डॉलर (करीब 88 लाख रुपये) आवेदन शुल्क वसूल करेगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को व्हाइट हाउस में इस आदेश पर हस्ताक्षर किए। नए शुल्क 21 सितंबर से लागू होंगे।

TALK WAY NEWS

abdul hakim M.A.(urdu Lit.) Bachelor in journalism LLB diploma in mechnical engineering

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!