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यूजर्स का गुस्सा: बच्ची की हरकत पर बिग बी को थप्पड़ लगाने की बात की गई

KBC 17: बच्चों की हरकतों से बिदके यूजर्स

केबीसी 17 का एक एपिसोड हाल ही में चर्चा का विषय बना, जब एक बच्चे ने मंच पर कुछ ऐसी हरकतें कीं, जो दर्शकों को असहज कर गईं। इस घटना ने न केवल शो के प्रशंसकों में हंगामा मचाया, बल्कि सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं आईं।

बच्चे की हरकतें

शो के दौरान, एक बच्चे ने अमिताभ बच्चन के सामने बेफिजूल का आत्मविश्वास दिखाते हुए कुछ ऐसे प्रश्न पूछे, जो सही ढंग से जवाब देने के बजाय, बहस का कारण बने। बच्चों की ऐसी हरकतें कभी-कभी मनोरंजक होती हैं, लेकिन इस बार यह विषय की सीमा से बाहर थी। दर्शकों ने इसे संस्कार की दृष्टि से भी गलत ठहराया।

यूजर्स की प्रतिक्रिया

यूजर्स ने इस बच्चे की हरकतों को लेकर ट्विटर और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर अपने विचार साझा किए। कई लोगों ने कहा कि अगर बिग बी की जगह कोई और होता, तो वह बच्चे को एक थप्पड़ मारते। इस वीडियो को देखकर कुछ यूजर्स ने तो यह भी कहा कि इस बच्चे को शो का हिस्सा बनने का कोई हक नहीं था।

ट्विटर पर हंगामा

ट्विटर पर ट्रेंडिंग विषय बनने के बाद, #KBCContestant ने कई मीम्स और टिप्पणियों के साथ यूजर्स का ध्यान आकर्षित किया। कुछ यूजर्स ने मजाक करते हुए कहा कि बच्चे को “बदतमीजी का पुरस्कार” मिलना चाहिए। दूसरों ने कहा कि इस तरह का व्यवहार केवल बिग बी के प्रति असम्मान ही नहीं, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों की भी खिलाफत है।

बिग बी का कद

अमिताभ बच्चन का स्थान भारतीय सिनेमा में अद्वितीय है और उनकी स्थिति को ध्यान में रखते हुए, ऐसा व्यवहार बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। कई लोगों ने उनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने इस स्थिति को संभालने के लिए अच्छी प्रतिक्रिया दी, लेकिन यह निश्चित रूप से एक कठिन परिस्थिति थी।

आम दर्शकों की राय

हमारे देश में, बच्चों के व्यवहार को लेकर काफी ध्यान रखा जाता है। दर्शकों का मानना है कि जब बच्चे किसी बड़े मंच पर होते हैं, तो उन्हें अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। अक्सर कहते हैं कि बच्चे माता-पिता के संस्कारों का प्रतिनिधित्व करते हैं, और जब ऐसा कुछ होता है तो यह सवाल उठता है कि क्या माता-पिता ने अपने बच्चे को सही शिक्षा दी है या नहीं।

क्या बिग बी को कोई कदम उठाना चाहिए था?

इस पूरे मामले पर चर्चा करते हुए, कुछ यूजर्स ने पूछा कि क्या अमिताभ बच्चन को ऐसे समय में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके बच्चे को समझाना चाहिए था। कई लोग इस बात से सहमत थे कि स्पॉटलाइट में खड़े होकर बच्चे को सही तरीके से समझाना ही बेहतर होता, बजाय कि उसे उसी समय पर उसकी हरकतों के लिए टोकने के।

आवश्यकता है सही दिशा की

हालांकि यह एक टीवी शो है और मनोरंजन का माध्यम है, लेकिन ऐसे मामलों में यह भी आवश्यक है कि लोग सही दिशा में बढ़ें। बच्चों को सिखाने का एक तरीका होता है और यह हमें याद रखना चाहिए।

केबीसी के अन्य प्रतियोगी

इस विशेष एपिसोड में केवल यही बच्चा नहीं था, बल्कि कई अन्य प्रतियोगी भी थे जिन्होंने अपने ज्ञान से सबको प्रभावित किया। एक और प्रतिभागी, दिविशा, जो अजमेर से थी, ने 25 लाख अंक प्राप्त किए। इसने दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया, जबकि उसकी प्रतियोगिता में बच्चे की अनियंत्रित हरकतें एक नया मोड़ लाईं।

बच्चों की भागीदारी

कई दर्शकों का यह भी कहना है कि बच्चों पर ऐसे शो में भाग लेने का दबाव रहता है। लेकिन उन्हें ये भी समझना होगा कि उनके व्यवहार के लिए उन्हें जिम्मेदार बनाना जरूरी है। इससे न केवल उनका पेशेवर जीवन बल्कि व्यक्तिगत जीवन में भी सुधार होगा।

समाप्ति नोट

इस तरह के विवाद लोगों को सोचने पर मजबूर करते हैं कि क्या वास्तव में हमें बच्चों को हर मामले में स्वतंत्रता देनी चाहिए या उनकी हरकतों पर ध्यान देना चाहिए। ऐसे शोज के माध्यम से बाहर देखने का एक बेहतर रास्ता हमें सही दिशा में ले जा सकता है।

केबीसी की चर्चा केवल ज्ञान प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि यह हमारे सामाजिक मूल्यों को परखने का भी एक जरिया है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम सभी के लिए एक सकारात्मक और शिक्षाप्रद माहौल तैयार करें, जहां पर सभी का सम्मान हो।

इस प्रकार, इस एपिसोड ने दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हमें समय रहते बच्चों के संस्कारों पर ध्यान देना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी बेतुकी हरकतों से बचा जा सके।

TALK WAY NEWS

abdul hakim M.A.(urdu Lit.) Bachelor in journalism LLB diploma in mechnical engineering

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