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Russian woman Gokarna Cave: गुफा में मिली रूस की महिला, साथ में दो बच्चे, आखिर क्या हो रही थी वहां, खुल गया पूरा राज

कर्नाटक के गोकर्णा में गुफा में साधना कर रही रूसी महिला नीना कुटीना और उसकी बेटियों को कर्नाटक पुलिस ने रेस्क्यू किया.

कर्नाटक पुलिस ने उत्तर कन्नड़ा जिले के गोकर्णा क्षेत्र की रामतीर्थ पहाड़ियों में एक प्राकृतिक गुफा से रूसी महिला नीना कुटीना और उसकी दो बेटियों को रेस्क्यू किया है. यह कार्रवाई दो दिन पहले की गई, जब पुलिस गश्त के दौरान पहाड़ियों में पैरों के निशान देख गुफा तक पहुंची.

गुफा के अंदर नीना एक बेटी के साथ सोई हुई थी और दूसरी बच्ची बाहर खेल रही थी. पुलिस को वहां कुछ रूसी किताबें भी मिलीं. पूछताछ में नीना ने बताया कि वह पिछले 14 दिनों से उसी गुफा में रह रही थी और बीते कई वर्षों से जंगलों में ही ध्यान और साधना कर रही है.

हिंदू धर्म और भारतीय आध्यात्मिकता से गहराई से प्रभावित

नीना ने कहा कि वह हिंदू धर्म और भारतीय आध्यात्मिकता से गहराई से प्रभावित है. पहले वह गोवा गई, फिर गोकर्णा आकर पहाड़ियों में बस गई. उसका कहना है कि उसे जंगलों से बेहद लगाव है और वह होटल या शहरों में नहीं रहना चाहती.  पुलिस से बचने के लिए उसने जंगलों को ही शरणस्थली बना लिया.

नीना पहली बार 2016 में भारत आई
पुलिस के मुताबिक, नीना पहली बार 2016 में भारत आई थी और उसका वीजा 2017 में समाप्त हो गया था. इसके बाद भी वह भारत में अवैध रूप से रुकी रही. 2018 में वह कुछ समय के लिए नेपाल गई, लेकिन जल्द ही भारत लौट आई और कर्नाटक के तटीय इलाकों में छिपकर रहने लगी.

सांपों से कोई डर नहीं- नीना
नीना ने पुलिस को यह भी बताया कि उसे सांपों से कोई डर नहीं है. उसने कहा, “सांप हमारे दोस्त हैं, जब तक हम उन्हें परेशान नहीं करते, वे भी हमें नुकसान नहीं पहुंचाते”.अब नीना और उसकी दोनों बेटियों को गोकर्णा से बेंगलुरु लाया गया है, जहां FRRO (विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय) में पूछताछ के बाद उन्हें डिपोर्टेशन सेंटर में रखा गया है. वीजा उल्लंघन के चलते उन्हें रूस वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

भारतीय कानूनों के तहत नियम
भारतीय कानूनों के तहत अवैध रूप से रह रहे विदेशियों को वापसी का खर्च खुद उठाना पड़ता है, सरकार कोई आर्थिक मदद नहीं देती. जब तक नीना धन का इंतजाम नहीं करती, तब तक उसे डिपोर्टेशन सेंटर में रहना होगा. नीना की कहानी ने पुलिस और स्थानीय प्रशासन को भी चौंका दिया है. 8 साल से वह कैसे बिना किसी सरकारी मदद या पहचान के जंगलों में रह पाई, अब इसकी भी जांच की जा रही है.

TALK WAY NEWS

abdul hakim M.A.(urdu Lit.) Bachelor in journalism LLB diploma in mechnical engineering

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