देश

राष्ट्रपति द्रौपदी मुरमू की खास यात्रा: परिवार संग बंके बिहारी मंदिर की पूजा, जानें घटना का विवरण.

 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुरमू की हाल की यात्रा ने धार्मिक उत्साह और पारिवारिक जुड़ाव को एक नया आयाम दिया। उनकी यात्रा का मुख्य केंद्र बंके बिहारी मंदिर रहा, जहाँ उन्होंने अपने परिवार के साथ आत्मिक अनुभव साझा किए। इस मंदिर की दर्शनीयता और धार्मिक महत्ता ने उन्हें और उनके परिवार को गहराई से प्रभावित किया।

बंके बिहारी मंदिर, जो कि वृंदावन में स्थित है, भक्तों के लिए एक अद्वितीय स्थलों में से एक है। यहां भक्त भगवान कृष्ण की अद्वितीय छवि की पूजा करते हैं। राष्ट्रपति मुरमू ने मंदिर में जाकर न केवल धार्मिक अनुष्ठान किए, बल्कि उन्होंने स्थानीय लोगों के साथ भी संवाद स्थापित किया, जिससे परिसर में एक सजीव वातावरण बना। उनके विशेष दर्शन ने उनके अनुयायियों में एक नई ऊर्जा का संचार किया और उन्होंने स्थानीय संस्कृति का समर्पण और धार्मिक श्रद्धा के प्रति गहरी संवेदनशीलता का अनुभव किया।

राष्ट्रपति ने विशेष रूप से बंके बिहारी की छवि और उनकी स्वरूप के बारे में चर्चा की। उनकी प्रतिक्रिया ने यह दर्शाया कि वह इस संस्कृति के प्रति कितनी सजग हैं। बंके बिहारी के प्रति उनकी श्रद्धा ने उन्हें इस यात्रा के दौरान और भी गहराई से जोड़ा। साथ ही, उनके परिवार के अन्य सदस्य भी इस यात्रा का भरपूर आनंद ले रहे थे, जिससे पारिवारिक संबंध और भी मजबूत हुए।

वृंदावन में रहते हुए, राष्ट्रपति ने कान्हा की अद्भुत छवि को देखने के लिए उनकी प्रतिक्रिया का भी जिक्र किया। उनकी आश्चर्यचकित मुद्रा ने दर्शाया कि कैसे इस स्थल की ऐतिहासिकता भी उन्हें आकर्षित कर रही थी। राष्ट्रपति मुरमू ने कहा कि यह स्थल केवल धार्मिक नहीं है, बल्कि एक सांस्कृतिक धरोहर भी है।

इस यात्रा के दौरान, उन्होंने एक अनोखे मंदिर का दौरा किया जहाँ राधा और कन्हा के अद्भुत संबंध को चित्रित किया गया था। उन्होंने वहाँ की सुंदरता और भक्ति के माहौल का अनुभव करते हुए कहा कि यह संकीर्ण संसार और विराट ब्रह्माण्ड के बीच का एक अद्भुत संगम है।

मथुरा में उनकी यात्रा को विशेष रूप से लक्जरी ट्रेन से किया गया, जिससे उन्होंने यात्रा के दौरान आरामदायक अनुभव का लाभ उठाया। इस ट्रेन के भीतर उपलब्ध सुविधाएँ लगभग एक 5-सितारा होटल जैसी थीं, जिसने उनकी यात्रा को और भी भव्यता प्रदान की। राष्ट्रपति ने इस ट्रेन की सेवाओं की भी प्रशंसा की, जो वीआईपी व्यक्ति की यात्रा के लिए अत्यधिक अनुकूल थीं।

इस प्रकार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुरमू की यात्रा ने न केवल धार्मिक अनुशासन को पेश किया, बल्कि भारतीय संस्कृति और उसकी विविधता को भी उजागर किया। उन्होंने अपने परिवार के साथ मिलकर यात्रा का आनंद लिया और धार्मिक स्थलों की अद्भुत सरणियों में गहराई से जुड़े।

उनकी यह यात्रा न केवल उनके लिए एक व्यक्तिगत अनुभव रही, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और धार्मिकता को समझने और प्रचारित करने का एक अवसर भी बनी। यह यात्रा इस बात का प्रमाण है कि धार्मिक स्थलों की यात्रा केवल भक्ति के लिए नहीं, बल्कि परिवार के साथ साझा करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

इस अनुभव के माध्यम से, राष्ट्रपति ने यह संदेश दिया कि जीवन की यात्रा में धार्मिकता और प्रेम दोनों का समावेश होना चाहिए। उनकी यह यात्रा भारतीय समाज की आदर्श छवि का प्रतीक बनी, जहाँ परिवार और धार्मिकता एक साथ बैठते हैं।

राष्ट्रपति मुरमू का यह नवीनतम कदम उनके दिल की गहराइयों में बसी धार्मिक भावना और उनके परिवार के प्रति प्रेम को प्रदर्शित करता है। उनके द्वारा साझा किए गए अनुभवों ने सभी लोगों के दिलों में भक्ति और श्रद्धा की एक नई लहर उत्पन्न की है।

इस प्रकार, द्रौपदी मुरमू की यात्रा ने हमें यह सिखाया कि भक्ति, परिवार, और संस्कृति सभी एक दूसरे के पूरक हैं। इस यात्रा ने सभी के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनकर उभरने का कार्य किया है, जो दर्शाता है कि किसी भी स्थान की धार्मिकता का आनंद लेना और उसे साझा करना आवश्यक है।

 

TALK WAY NEWS

abdul hakim M.A.(urdu Lit.) Bachelor in journalism LLB diploma in mechnical engineering

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!