**“कौन सा तेल खाना पकाने के लिए सबसे उत्तम है: FSSAI ने दी सही जानकारी और दी दिवाली 2025 से पहले तेल उपयोग के सुझाव।”**

सर्वोत्तम खाना पकाने का तेल
दिवाली का फराल सोचते ही चकली, करंजी, शंकरपाळ्या, शेव, चिवड़ा आदि व्यंजन दिमाग में आ जाते हैं। और इन व्यंजनों की कल्पना भी तेल के बिना अधूरी है। दिवाली के बाद कई लोगों को हृदय संबंधी रोगों की समस्या हो जाती है। ऐसे समय में, दिवाली की शुरुआत में ही FSSAI द्वारा सुझाई गई पद्धति के अनुसार तेल का उपयोग करके फराल तैयार करें। इससे फराल का मनमुराद आनंद लिया जा सकता है।
देश की सबसे बड़ी संस्था FSSAI, जो खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर कड़ी नजर रखती है, के अनुसार कई लोग खाने में प्रयुक्त तेल पर ध्यान नहीं देते। कितनी मात्रा में तेल का उपयोग करना चाहिए, कौन सा तेल स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा है, किस तेल में व्यंजन पकाने चाहिए—साथ ही यदि तेल का गलत उपयोग किया गया तो वह शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसी स्थिति में क्या बचाव करना चाहिए, इसकी पूरी जानकारी देखें।
तेल की मात्रा
रोज़मर्रा के भोजन में आप कितना तेल उपयोग कर रहे हैं, इसकी निगरानी रखना आवश्यक है। भोजन बनाते समय इस्तेमाल किए जाने वाले तेल के साथ-साथ महीने भर में इस्तेमाल होने वाले तेल की मात्रा भी नोट करें। अधिक तेल के सेवन से केवल वजन बढ़ता ही नहीं है, बल्कि इससे अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ भी उत्पन्न हो सकती हैं।
पैकेज्ड तेल का उपयोग करें
खुले तेल का उपयोग करने से बचें। सफाई की दृष्टि से खुले तेल उतने सुरक्षित नहीं होते। इसलिए पैकेज्ड तेल का ही उपयोग करें। रिफाइंड तेल, सूरजमुखी का तेल, सोयाबीन का तेल और तिल का तेल स्वास्थ्य के लिए सर्वोत्तम माने जाते हैं। सही तेल का उपयोग कोलेस्ट्रॉल के खतरे को कम करता है और हार्ट अटैक का जोखिम घटाता है।
खाना तलते समय तेल कितनी गर्म करें?
प्रत्येक तेल का एक स्मोक पॉइंट होता है। किसी निश्चित तापमान से अधिक गर्म होने पर तेल जलने लगता है और इसके पोषक तत्व कम हो जाते हैं। यह तेल शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। दिवाली पर फराल तलते समय यह गलती आम है। इसलिए तेल को उचित तापमान पर गर्म करें और उसी पर व्यंजन तलें।
अधिक तेल का उपयोग टालें
संभावना हो तो दिवाली में अधिक तेल के उपयोग से बचें। इसके लिए तेल वाले व्यंजन न बनाकर उन्हें बेक करें या कम तेल का उपयोग करें। दिवाली में उच्च रक्तचाप, हार्ट अटैक या फैटी लिवर की समस्या वाले लोगों के लिए यह खतरा अधिक होता है। इसलिए फराल बनाते और खाते समय सावधानी बरतें।